झरना's image
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झरने के पास से
  एक निर्झर बहता था
  जिस निर्झर ने पानी पीने 
  शुका शुकी आते थें ।1।

  निर्झर में लगे पेड़ पर
  कोयल रोज आती थी
  मीठी वाणी में वे
  रोज गीत सुनाती थी ।2।

  शूका शूकी और कोयल 
  रोज गीत गाते हुए
  एक कड़ी बनाती थीं
  जो अमृत को बरसती थी ।3।

  पाटल वहां रोज फूलता
  तितलिया वहां रोज उड़ती
  उपलों पर मेंढक रहता
  आसमान मे चिड़ियां उड़ती ।4।

  शुका शुकी जब खोते में जाते
  पानी वेगवती से बहती
  कोयल भी जब सोने लगती
  झरना झर झर कर के बहता ।5।

         ।। शिवम तिवारी  ।।

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