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झरने के पास से
एक निर्झर बहता था
जिस निर्झर ने पानी पीने
शुका शुकी आते थें ।1।
निर्झर में लगे पेड़ पर
कोयल रोज आती थी
मीठी वाणी में वे
रोज गीत सुनाती थी ।2।
शूका शूकी और कोयल
रोज गीत गाते हुए
एक कड़ी बनाती थीं
जो अमृत को बरसती थी
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