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नया नया है दुआ सलाम, जनाब
थोड़ी तकल्लुफ़ , थोड़ा फ़ासला ज़रूरी है
हल्की सी जो हो रही दोस्ती, आहिस्ता
हुज़ूर, अभी थोड़ा फ़ासला ज़रूरी है
तुम जो पुराने अज़ीज़, हो अकलमंद
तुम्हें मालूम हमें, थोड़ा फ़ासला ज़रूरी है
इश्क़ में दूरियाँ ना गवार, नज़दीकियों
के तूफ़ान में भी, थोड़ा फ़ासला ज़रूरी है
सोचती हूँ , कितने रिश्ते बच जाते ग़र
मानते हर सूरत, थोड़ा फ़ासला ज़रूरी है
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