बेजान शाख's image
Share1 Bookmarks 212840 Reads0 Likes
वो मासूम सी मन की, 
चुलबुली सी लड़की! 
दिखती नहीं हैं अब
नज़र लगी है शायद किसी की! 

देखा था जिसे पंछी सी चहकते हुए, 
ख़्वाबों के आसमां में उड़ते हुए , 
कुछ बेरंग सा दिखता हैं अब चेहरा
ना जाने क्यूँ लगाए है पहरा!! 
<

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts