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शून्य!
एक रोज़ ऐसे ही मूसलाधार बारिश होगी
हम अपने अहम् को यमुना के मैले पानी में धो देंगे
हम फिर मिलेंगे ।
ट्राफलगर स्क्वायर में
जलियांवाला बाग़ में, बैशाखी पे
होली पे , गांव, पूर्णमासी के मेले में
ईद पे , फ़िनलैंड के क्रिसमस में
ऑस्ट्रिया में किसी यहूदी के घर
बर्लिन की दीवार गिराते हुए
रूस की क्रांति में
आज़ाद हिन्द फौज में
रोम के म्यूजियम में
नील नदी के किनारे
बनारस के अस्सी घाट पर
मंगोलिया के वीराने में
तिब्बत के स्तूपों में
हम फिर मिलेंगे।
ट्रैन के थर्ड क्लास कम्पार्टमेंट में
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