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मैं अकेली मंज़िल के राह में खड़ी
शर्तें और भी लग रहीं बड़ी
किसी ने कहा.."देखते हैं...."
तो किसी ने कहा "पता चल जाएगा"...!
अब ज़वाब दोनों को एक साथ देने मैं निकली......
"उठे कदम अब न रुकेंगे,
आगे जो बड़ गये अब न मुड़ेंगे,
लाख कोशिश कर लो अब झुकाने की
उठे सिर अब न झुकेंगे।
चाहे खाई हो या पहाड
शर्तें और भी लग रहीं बड़ी
किसी ने कहा.."देखते हैं...."
तो किसी ने कहा "पता चल जाएगा"...!
अब ज़वाब दोनों को एक साथ देने मैं निकली......
"उठे कदम अब न रुकेंगे,
आगे जो बड़ गये अब न मुड़ेंगे,
लाख कोशिश कर लो अब झुकाने की
उठे सिर अब न झुकेंगे।
चाहे खाई हो या पहाड
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