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ऐ चाहने वालें चांद के ,
ज़रा सूरज की सुन्दरता पर भी नज़रें घुमा कर देेेेखिए किसी शाम को.....
होती है सुन्दरता तो इसकी भी लाजवाब
शाम के वक़्त...
जैसे कि हो बिंदी किसी खुबसूरत माथे की।
और इसकी हल्की रोशनी पड़े जब बादलों पर,
ज़रा सूरज की सुन्दरता पर भी नज़रें घुमा कर देेेेखिए किसी शाम को.....
होती है सुन्दरता तो इसकी भी लाजवाब
शाम के वक़्त...
जैसे कि हो बिंदी किसी खुबसूरत माथे की।
और इसकी हल्की रोशनी पड़े जब बादलों पर,
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