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नन्हा दीपक उम्मीद का

Suhani raiSuhani rai June 22, 2022
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एक मकान में 5 दीपक जल रहे थे।

एक दिन उसमें से एक दीपक बोला - "मैं इतना जलता हूँ इसके बावजूद भी लोगों को मेरी रौशनी की कद्र नही है,इससे बेहतर तो यही होगा कि मैं बुझ जाऊं।"खुद को व्यर्थ समझा और वो दीपक बुझ गया।

आपको पता है वो दीपक था कौन?उत्साह का प्रतीक था वो दीपक।

पहले दीपक के बुझने के बाद,दूसरा दीपक जो शांति का प्रतीक था,उसने कहा-"अब मुझे भी बुझ जाना चाहिये,लोग परस्पर हिंसा कर रहे हैं, जबकि मैं निरन्तर ही शांति की रौशनी फैलाता हूं।"ये कह कर शांति का दीपक भी बुझ गया।

इन दोनों दीपकों के बुझने के बाद जो तीसरा दीपक हिम्मत का था ,वो भी निराश हो कर बुझ गया।

उत्साह,शांति और हिम्मत इन तीनों दीपकों के बुझने के बाद चौथे दीपक ने भी बुझना ही उचित समझा,वो चौथा दीपक समृद्धि का प्रतीक था।

जब चारों दीपक बुझ गए तो अंत

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