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वो कुएँ का मेंढक
विचारों में नहीं ज़ोर है
बस टर्र टर्र का शोर है
हौसलों से कमज़ोर है
वो कुएँ का मेंढक
मन में पाली एक भ्रांति है
घर अपने जब शांति है
सोचे क्यूँ लानी फिर क्रांति है
वो कुएँ का मेंढक
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