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तन्हाई का राग…
तन्हाई का राग
आज फिर छू गया अतीत को
बेचैनी के भाव प्रतिबिम्बित हुए
थे उजागर कर्ण पटल पर अट्टाहस
बड़ी निर्दयता से कुरेद गया
सूखे घाव फिर हरे कर गया
फिर मन में भर गया विराग
ये तन्हाई का राग …
-सुधीर बडोला
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