Share0 Bookmarks 58140 Reads2 Likes
सशक्त दरख़्त
———————
पत्ती चटक सी हरी है
वो टहनी से जो जुड़ी है
टहनी में कोमलता है
क्यूँकि वो शाखा से संलग्न है
शाखा उन्माद में लहराती है
मगन है आसक्त तने से होने पर
Send Gift
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments