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निश्छल प्रेम
मन के भीतर अंकित
श्रेष्ठ भावनाओं का चित्रण है
छल कपट से परे
प्रेम सत्य का दर्पण है
मातृत्व का छाँव लुटाता आँचल है
प्रेम सरल और निश्छल है ।
हर रिश्तों के साथ
प्रेम के बदलते स्वरूप हैं
श्रधा स्नेह भक्ति लगाव
सारे प्रेम के ही रूप हैं
मधुर स्मृतियों से संजोया पल है
प्रेम सरल और निश्छल है ।
चंद्र किरण
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