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मित्र, तू ही मेरा संसार है …
मन में जब अंधेरे हों
बेचैनी ने घेरे हों
बस तू एक तलबगार है
मित्र, तू ही मेरा संसार है ।
तेरे आने से ख़ुशी होती है
चेहरे पे मेरे हँसी होती है
साथ है तू वही दिन इतवार है
मित्र, तू ही मेरा संसार है ।
आई कभी विपत्ति की घड़ी
जब कोई अड़चन
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