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माँ
मखमली बिस्तर
साथ नर्म सिरहाना भी ले आया,
नहीं मिला वो सुकून
जो माँ तेरी गोद में सर रखकर आया
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प्राण देकर भी ना चुका पाऊँगा ये किस्तें
तेरे उपकारों के क़र्ज़ में डूबा हूँ माँ ..
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सिर्फ़ देख तुम्हें
जिसकी आँखें छलक जाए
बस समझ लो
वोही माँ है….
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-सुधीर बडोला
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