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लड़की हुई है
गर्दन झुकी थी
बिना नज़रें मिलाये
दबे दबे स्वर में बोला
फिर 'लड़की' हुई है
उम्मीदों पे गिरी बिजली
और माहौल को मायूसी ने घेरा
आज ख़ुशियों की आहट ने
मानो फिर एक बार मुँह फेरा
सोचा सिलसिला ये ना जाने
कब तक चलेगा
'चिराग़' इस घर में
कभी तो जलेगा
झल्लाहट में सभी ने
किया 'नवजात 'को अनदेखा
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