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गणित


गणित एक कविता है

यहाँ रेखाएँ और चरण है

साथ सूत्र और समीकरण हैं

भिन्न, गुणा और योग है

ऋण और धन का संयोग है

संख्याएँ सम और विषम हैं

कभी आकृतियाँ सर्वांगसम है

यहाँ कोष्ठक छोटा बड़ा है

समांतर रेखा तो कहीं लंब भी खड़ा है

अंश दशमलव ही इसका मूल है

बड़े जटिल वर्गमूल -धनमूल है


-सुधीर बडोला

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