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एक दीप तुम ऐसा जलाओ…
ज्ञान से जो हो आलोकित
वैचारिक आधुनिकता अपनाये
अभिव्यक्ति से हो स्वतंत्र
एक दीप ऐसा तुम जलाओ ।
संयम का नव परिधान ओढ़े
धरे हस्त श्रम के दस्ताने
हो संघर्ष से ज्वलंत जो
एक दीप ऐसा तुम जलाओ ।
कन्या जन्म पर उत्सव मनायें
स्त्री में लक्ष्मी साक्षात नजर आए
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