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मैं इस प्रकृति से बस इतना चाहता हूं
मेरे मरने के बाद भी वे तमाम लोग जीते रहें
जिन्होंने मुझे जीते जी मार दिया है
मेरा मरना शायद उन्हें सुकून देगा
और इस तरह पृथ्वी से मेरा जाना हो जाएगा सार्थक
लौट के आऊंगा किसी रोज़ पृथ्वी पर
पेड़ की शक्ल में
उन्हें ही दूंगा छाया जिन्होंने
मुझे मार दिया था जीते जी
और इस तरह मेरा पृथ्वी पर लौट आना भी हो जाएगा सार्थक
सुधीर डोंगरे
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