
जब जब तेरी याद आएगी पियूंगा मैं।
धड़कनों को दारु की नोक पर रखकर जिऊंगा मैं।
तेरे बगैर मैं मर भी ना पाऊंगा।
पर याद रखना जब तेरी याद आयेगी।
सड़क पर पड़ी एक बोतल तुझे हर रोज नजर आएगी।
उस बोतल की कांच पर मेरी तस्वीर तुझे उभार जाएगी।
पर तेरे दिल से मेरी याद न जाएगी।
तू लाख कहे मैं सुधर जाऊं
पर मैं तुझसे वादा करता हूं मैं ना सुधरगा।
मैं तो रोज पियूंगा और पिलाऊंगा।
जब तेरी याद आएगी मैं ना रोयूगा कभी।
धड़कनों को अपनी सांसो में छुपा कर मैं जी भर के ना सोयूगा कभी।
तू मुझे बेशर्म कहे या हरजाई या मैं ऐसा ही रहूंगा।
मां कसम मैं तेरे लिए कभी ना मरूंगा।
मैं तुझे ताउम्र बेइंतहा प्यार करूंगा पर यह तुझ से ना कहूंगा।
जब जब तेरी याद आएगी पियूंगा मैं।
धड़कनों को दारु की नोक पर रखकर जिऊंगा मैं।
पर तुझ से न पूछूंगा कभी कि तूने ऐसा क्यों कर दिया।
मेरी बेपनाह मोहब्बत को तूने क्यों सड़क पर छोड़ दिया।
शायद मैं तुझे पहचानता हूं तेरे कहने से पहले तेरे दिल का हर राज जानता हूं
तुम खुश रहो मैं दुआ मांगता हूं।
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