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मोहब्बत उसकी ऐसी कि हर पल।
वह अपने दिल से मिलाकर एहसास दिलाता है।
मैं किसी और की हो जाऊं।
उसके पहले उसका दिल सीने से निकल कर दहलीज पर आ जाता है।
क्या लड़का है वह।
जाने कौन सा फार्मूला अपनाता है।
दिल का तो छोड़ो।
दिमाग का एक-एक पुर्जा हिल जाता है।
बेरहम वाह।
अपनी मोहब्बत का एहसास।
जालिमों की तरह जताता है।
बैठा मुझ से कोसों दूर।
मेरे दिल तक चला आता है।
हाय करम।
गुलाबी पंखुड़ियां सा उड़कर मेरे दिल तक अपनी सुगंध पहुंचा जाता है।
कमाल का इश्क उसका।
जब याद करें समझ लो शामत आई है।
उसकी मोहब्बत भी रब जाने क्या क्या गुल खिलाएगी।
दिल उड़ा ले गई मेरा।
जाने क्या क्या ले जाएगी।
उसके इश्क में दम इतना मजाल क्या किसी और के इश्क की।
कोई और क्या मेरे आशिक क
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