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रूहे गवाही देंगी मेरे इश्क का।
तुम मेरे जिस्म से कोई सवाल न करना।
हर शाम तेरी याद में मैं टूटू।
तुम इसकी उम्मीद ना करना।
जिस दिन मैं किसी और की हो जाऊंगी।
उस दिन मेरी रूह भी मेरे अंदर मर जाएगी।
मेरे जिस्म से बस एक आवाज आएगी।
तुझे कैसे कसूरवार ठहरा दू।
रूहे गवाही देंगी मेरे इश्क का।
तुम मेरे जिस्म से कोई सवाल न करना।
मुझसे मिलना हो अगर कभी तो।
मेरे जिस्म के कब्र पर।
तुम दूर से आहे भर लेना।
मैं
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