माता पिता की छांव में।'s image
Poetry2 min read

माता पिता की छांव में।

sudha kushwahasudha kushwaha June 14, 2022
Share0 Bookmarks 42406 Reads1 Likes

माता-पिता की छांव में।

रहती थी चार बेटियां एक गांव में।

कभी भारी नहीं हुई वो।।

चाहे कितना भी नुकसान किया हो।

फिर भी रही माता पिता के छांव में।

बड़ी खुशी और अरमानों से बेटी को दूसरे घर विदा किया था।

पलकों के छांव मिलेगा।

यही सोचकर बेटी दिया था।

तुम तो घाव देने लगे हो।

आजकल तुम किसी और को भाव देने लगे।

जिसके साथ सात जन्मों का वादा किया था।

तुम तो चार कदम चल कर ही लड़खड़ा दिए हो।

तुम सात जन्म क्या जियो गे।

वादे याद कर लिया करो।

शर्म हो तो चुल्लू भर पानी में डूब मरो।

नहीं तो वह पल या

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts