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मजबूरियां बहुत कुछ कर आती है।
दो वक्त की रोटी हमें।
हर बेज्जती से लड़ना सिखाती हैं।
यह बुरे हालातों में भी मुस्कुराना सिखाती है।
वो काम अच्छा नहीं लगता।
फिर भी वक्त और हालात कराती है।
जिंदगी हमें हर वक्त एक नया पाठ पढ़ाती है।
वह हमें गम की गलियों से गुजरा कर खुशियों तक का दरवाजा धीरे-धीरे दिखाती है।
हाय रे जिंदगी तू कितना रुलाती है।
₹10 के लिए तरसाती है।
तू जिंदगी है ना।
तू बड़े घमंड से यह बात बताती है।
मजबूरियां बहुत कुछ कर आती है।
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