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डायरी भी आज अपने मुकाम पर आ गई।
हमारा दिल छोड़कर सहारेआम पर आ गई।
मोहब्बत तो बहुत थी मुझे अपनी डायरी से।
पर साली आज आखिरी मुकाम पर आ गई है।
इश्क इश्क किया करती थी मैं ।
साली बदनाम कर गई।
डायरी के नाम पर कलंक थी।
इसीलिए भर गई।
मुझे छोड़कर अकेला निकल गई।
मोहब्बत के प्याले अकेले ही रगड़ गई है।
साली मुझसे ही अकड़ गई।
बेशर्म कहती थी मुझे सली महा बेशर्म निकल गई।
आलतू फालतू बात करती है मुझसे।
एक बार तो हाथ में तो आ जा।
कमबख्त बिना बताए निकल गई।
मेरे फोन का नंबर भी ब्लॉक कर गई।
मैं खफा हूं इससे यह क्यों भर गई।
ओ हो मेरी कमबख्त डायरी मुझसे ही अकड़ गई।
चाहत तो बहुत थी उसके दिल में मेरे लिए।
पर वो करती भी क्या।
जमाने के डर से थोड़ा डर गई।
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