जिंदगी।'s image
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जिंदगी ने खूब रुलाया है।

जिंदगी बेईमान लगने लगी।

आपने उसके किरदार लगने लगे।

मौत आती नहीं फिर भी हम मरने लगे।

चिता की राख से हम आब सवारने लगे।

देखो ना साहब।

पैसों से बिकने वाली इस दुनिया में ।

हम ईमान जैसी थर्ड क्लास बातें करने लगे।

मौत आती नहीं फिर भी हम मरने लगे।

कौन सवारे गा हमे।

किसी की औकात नहीं हम यह घूम घूम कर कहने लगे।

बिछा के गमों की चादर हम सोने लगे।

हम अपनी ही फूटी किस्मत के भरोसे जीने लगे।

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