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इश्क का मारा है ओ।

Sudha KushwahaSudha Kushwaha April 14, 2022
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इश्क का मारा है ओ।

थोड़ा आवारा है ओ।

शराब की हर बोतल पर इस्क ए दास्तां लिखता है ओ।

जिस गली से गुजरता है ओ।

गलियां उसके इश्क के शराब में डूब जाती है।

लड़कियां छत पर खड़े खड़े कूद जाती है।

मोहल्ले में हंगामा हुआ फिरता है।

उस लड़के की नजाकत पर हर लड़की मरती है।

पर वह इश्क उससे करता है।

जिस पर।

18 साल के बाद हर लड़का उस लड़की पर मरता है।

बस उसी का दीवाना हुआ फिरता है।

आशिकों में आशिक है ओ।

अपनी गलियों में बेशुमार है ओ।

वह लड़का कमाल है।

उस पर हर लड़की मरती है।

पर कमबख्त उसका दिल उस लड़की पर आ बैठा है।

जिस लड़की पर हर लड़का मरता है।

वह भी किसी से कम नहीं है।

शराब की एक बोतल लिए हर रोज के द्वार पर खड़ा रहता है।

बस उसकी एक झलक पड़ जाए इसके लिए तरसता रहता है।

वह किसी से कम नहीं जनाब वह भी तिकड़म लगाया करता है।

उसकी पलकों को अपनी पलकों से टकराने के लिए वह कई तमाम जरूरतें पूरी करता है।

ए खुदा ओ उस हुस्न पर मरता है।

जो कभी बिका नहीं करता है।

जिस सादगी की मूरत है।

एक खूबसूरत सूरत है।

जिसके हृदय में नहीं बस्ती कोई वासना।

जिसे बेवफाई आए रास ना।

किसी से खफा नहीं होती।

ऐसा मासूम सा दिल है उसका।

किसी से ज्यादा दूर नहीं होती।





अमृत की एक बूंद _सुधा







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