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हर कोई मुझे समझता है।
कभी मुझे भी समझ लो।
मेरा दिल भी यही चाहता है।
कोई तो घड़ी दो घड़ी।
मेरे दर्द को मेरी आंखों से पढ़ लो।
अरे कितना समझाओ गे।
कभी तो मुझे समझ लो।
अंदर से हर घड़ी मर रही हो।
कम से कम उसे महसूस कर लो।
टूट कर बिखर रही हूं मैं।।
कम से कम तुम दे
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