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जिंदगी इतनी आसान नहीं होती।
यह पन्नों की कोई किताब नहीं होती।
जिसे पढ़ ले हम और तुम।
जिसने सीने पर गोली खाकर इस देश की गरिमा बढ़ाई है।
उस बेटे की अर्थी आज इस देश में आई है।
यह सुनने के बाद वह मां चैन से सो भी ना पाई है।
तुम्हें शायद पता नहीं।
उसकी मां न जाने कितने दिनों से कुछ भी ना खाई है।
सुन ऐ लाडले तेरी खबर सुन कर के नंगे पांव दौड़ती पागलों की तरह ऐ मां आई है।
तुझे वह देखकर शांत बैठ गई जैसे वह कभी ना घबराई है।
तुझे सीने से लगाने के लिए वाह पगलाई है ।
चीखे जैसे दब गई हो सीने के अंदर ।
कौन समझेगा तेरी मां के उस दर्द को ।
तुम्हारे शहीद होने पर लाश बन गई है वह मां।
जिंदगी इतनी आसान नहीं होती।
यह तुम्हारी कल्पनाओं
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