
जिंदगी इतनी आसान नहीं होती।
यह पन्नों की कोई किताब नहीं होती।
जिसे पढ़ ले हम और तुम।
जिसने सीने पर गोली खाकर इस देश की गरिमा बढ़ाई है।
उस बेटे की अर्थी आज इस देश में आई है।
यह सुनने के बाद वह मां चैन से सो भी ना पाई है।
तुम्हें शायद पता नहीं।
उसकी मां न जाने कितने दिनों से कुछ भी ना खाई है।
सुन ऐ लाडले तेरी खबर सुन कर के नंगे पांव दौड़ती पागलों की तरह ऐ मां आई है।
तुझे वह देखकर शांत बैठ गई जैसे वह कभी ना घबराई है।
तुझे सीने से लगाने के लिए वाह पगलाई है ।
चीखे जैसे दब गई हो सीने के अंदर ।
कौन समझेगा तेरी मां के उस दर्द को ।
तुम्हारे शहीद होने पर लाश बन गई है वह मां।
जिंदगी इतनी आसान नहीं होती।
यह तुम्हारी कल्पनाओं का मकान नहीं होती।
तुम जिसे जब चाहो बनाओ और जब चाहे गिरा दो ।
उस वीर की मां से पूछो जो कुर्बान हुआ इस मिट्टी के लिए।
उसकी ममता का आशियाना कहां है।
सुनो तुम्हारी मां कहती है मैं जाऊंगी ढूंढ दूंगी उस से एक वादा लूंगी।
हर बार वह इस मिट्टी का लाल बने।
मेरी कोख का अभिमान बने।
जब तू आए तेरे कांधे पर सर रखकर बीना फ़िक्र मैं सो जाऊं।
सोचती हूं तू ना आया तो किन कंधों का सहारा लूंगी।
मैं मां जो हूं तेरी।
एक-दो साल तुझे लोग याद रखेंगे।
पर मेरे बेटे तुझे तो मुझे पूरी उम्र भूलने की कोशिश करते जाना है।
हर पल अपनी ममता को दफनाना है।
तेरी याद आए मेरे बेटे तब भी मुस्कुराना है।
जिंदगी का उसूल है मेरे बेटे मुझे बस जीते जाना है।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments