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छोटी-छोटी अंखियों में बड़े-बड़े सपने दिखाकर वह गुमनाम हो गए।
हमें इतना झुका दिया कि हम अपने ही नजरों में बदनाम हो गए।
कैसे कहे हम क्या से क्या हो गए।
जिसे अभिमान था खुद पर।
वह उससे मीठी मीठी बातें करके सब ले गए।
मेरे लिए जो धूल थी शोहरत वो उसका आइना दिखा गए।
वह इतना क्या रुठे हमसे के हमारे दिल का मजाक बना गए।
हम भी कितने बेशर्म थे जो उनके सामने गिड़गिड़ा गए।
हंसी आई खुद पर फिर हम मुस्कु
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