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अपने हुस्न को सरे आम दिखाता ना कर
अपने रुखसार को मेरे से छिपाया ना कर
मेरे साथ यूं आंख मिचौली खेल कर
अपनी एक जलक के लिए तड़पाया ना कर
Wrriten By
Shaikh Shezad
अपने रुखसार को मेरे से छिपाया ना कर
मेरे साथ यूं आंख मिचौली खेल कर
अपनी एक जलक के लिए तड़पाया ना कर
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Shaikh Shezad
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