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अपने सपने को जितना बड़ा करना है कर ले
अपने हौसले को जितना बुलंद करना है कर ले
कर खुद को तू इतना कमियां
जब खोले तू मुठ्ठी चाहे वो अपनी मुठ्ठी में कर ले
Wrriten By
Shaikh Shezad
अपने हौसले को जितना बुलंद करना है कर ले
कर खुद को तू इतना कमियां
जब खोले तू मुठ्ठी चाहे वो अपनी मुठ्ठी में कर ले
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