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छलकता जाम छलक जाने दे
गरज़ते बादल बरस जाने दे
खोल दे अपने दिल के दरवाजे को
और अपने दिल में उतर जाने दे
Wrriten By
Shaikh Shezad
गरज़ते बादल बरस जाने दे
खोल दे अपने दिल के दरवाजे को
और अपने दिल में उतर जाने दे
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Shaikh Shezad
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