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तू क्यू यादों में आकर इतना सताती है
क्यू दूर जाकर इतना तड़पाती है
तुम पास हो तो सब हसीन लगता है
तू ना हो तो सुबह और शाम बिखरी सी रहती हैं
Wrriten By
Shaikh Shezad
क्यू दूर जाकर इतना तड़पाती है
तुम पास हो तो सब हसीन लगता है
तू ना हो तो सुबह और शाम बिखरी सी रहती हैं
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