
Share0 Bookmarks 122 Reads5 Likes
इक अर्से बाद मोहब्बत हो रही है
इश्क़ में हालत बदतर हो रही है
उन्हें लग रहा यह पहली दफा है
जहन में कितनी सिहरन हो रही है
जमाना खुद में बहुत मशगूल है
फिर भी तरक्की से जलन हो रही है
अब जंग जायज है मोहब्बत की
मेरे जख्मों से उन्हें चुभन हो रही है
इन आंखों की नमी भी पढ़ती है जो
सुना है वो लड़की बड़ी हो रही है...
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments