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गुस्ताख़ी भी सुनेंगे और इश्क़ बेहद करेंगें
हो वाजिब जो गुस्सा तो हंस कर सहेंगें
ऐ मोहब्बत ! मेरे आंगन में दीवार ना करना
वरना तेरे सिवा किसी और से मोहब्बत करेंगे
तू अकेले हर जख्म का मरहम नहीं है
इस जमाने में वादे भी कम नहीं है
लोगों की दुआओं से ये सांसे चल रही है
एक तेरा ही दिल है जिसमें हम नहीं है..
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