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करी थी लाख चेष्ठा खल ने
मिथ्याभिमान के खातिर
गूंजी तब शौर्य प्राक्रम की
किया इति खल के यत्नों की
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करी थी लाख चेष्ठा खल ने
मिथ्याभिमान के खातिर
गूंजी तब शौर्य प्राक्रम की
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