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विकल्प ही किधर है

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 6, 2023
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नादान ही तो है वे पूछते रहे
तो और विकल्प ही किधर है

भुला बैठें वे आस्तिकता को
या नियति का कानून भूलते

यहां रास्ते इंसान नही बनाते
ना कोई भावी को देख पाया

पर्वत से निकल पडे सरिता<

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