वारि ही धरती पर जीवन है's image
Poetry1 min read

वारि ही धरती पर जीवन है

suresh kumar guptasuresh kumar gupta February 28, 2023
Share0 Bookmarks 43782 Reads0 Likes

वारि वारि वारि ही धरती पर जीवन है
देखे न देखे सब ओर इसका वर्चस्व है

मुलायम रुई सा बरसे पत्थर बन जाए
चट्टान सा खड़ा रहे हिमखंड बन जाए 

हिमालय खड़ा या सागर में चट्टान बना
दो तिहाई जग में फैला मानव प्यासा रहे

वातावरण शीतल रहता पत्थर बन जाए
निश्छल सागर कभी सरिता बहती जाए

भाप बन उडता जैसे जैसे गरम हो जाए
ठहर जाता दूर गगन में बादल बन जाए

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts