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वाइब्रेंट ऋषि

suresh kumar guptasuresh kumar gupta May 21, 2023
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वाइब्रेंट कर्णधार सत्ता की आंखों के तारे।
ऋषि खेलकर निकल गए चकित थे सारे।
23 हज़ार करोड़ घोटाला बैंक हाथ मले।
मिलीभगत नेताओ से जनता पिसती रहे।
 
जहाजरानी सेक्टर विदेश में जहाज बेचे।
एक्सपोर्ट झंडे गाडे सरकारी ऑर्डर मिले।
नौसेना जहाज बनाते यूनिवर्सिटी खोले।
मेहरबान बैंक है तो लोन विदेशो में लगे।
 
एबीजी आईसीयू में बैंक ऑक्सीजन दे।
रिज़र्व बैंक नोटिस करे मगर चुप ही रहे।
विपक्ष चिल्लाए चौकीदार को जगा रहा।
कहे ऋषि भाग गया तो भी सब चुप रहे।
 
एनपीए पर बैंक फॉरेंसिक ऑडिट हुआ।
बात सीबीआई तक पर ठंडे बस्ते में है।
एफआईआर हुई चिड़िया चुग भाग गई।
सांप गया लठ बजाते,लकीर पीटते रहे।

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