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वह भारत देश मेरा

suresh kumar guptasuresh kumar gupta March 24, 2023
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विपन्नता में दो जुन रोटी को तरसते
सम्पन्नता में घी दूध की नदी बहती

डालडाल पर यहां सोने की चिड़िया
करती है बसेरा वह भारत देश मेरा

करोड़ो फ्री अनाज से बसर करते
किसे परवाह महंगाई होती है क्या

बिन रोजगार जनता चैन से सोती
भूखे भजन हो वो भारत देश मेरा

बीस लाख टिकट है क्रूज़ की मगर
सन् चौबीस तक बुकिंग हो जाती

हज़ारो करोड़पति देश छोड़ जाते
देख खुश होते वह भारत देश मेरा

कोई विदेशी नौकरी से धन कमाता
देश का धन स्विस बैंक में बढ़ जाता

अर्थशास्त्री गणित नही समझ पाते
हर हाल में खुश वह भारत देश मेरा

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