ताऊ तेरी जरूरत आन पड़ी है's image
Poetry1 min read

ताऊ तेरी जरूरत आन पड़ी है

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 1, 2023
Share0 Bookmarks 11 Reads0 Likes

दुश्मन खड़ा मैदान में तेरी जरूरत आन पड़ी 
गुस्सा थूक दे अब ताऊ आजा फिर मैदान में

बालक तेरे उड़ते घोड़े आ गये इस मुकाम पर
बिन सहारे न बढ़ सकते खड़े खुले मैदान में

मोरबी हादसे ने दिल दहलाया नींव हिल गई
मान ली गलती बिन तेरे सियासी चाल चले

तू है एक सहारा दिल ने आज तुझको पुकारा
संभाल नैया बन खिवैया मोरबी के तूफान में 

जवानी के जोश में ठीक है तुझको भुला गए
फिर खड़े तेरे द्वारे ताऊ उबार इस जंजाल से

लड़ाई के मैदान में आज जान दांव पर लगी है
ताऊ है तेरा सहारा लड़ाई अब आरपार की है

तू गुरु हम चेले कहां तक भागते तुझसे आगे
घोड़े रुक गए है ले संभाल लेले लगाम हाथ मे
 
कर सौ गुनाह माफ दिखा जा बड़ा दिल आज 
मन से तुझे याद करते ताऊ तुझसे अर्ज करते

गुस्सा थूक आज संभाल जरूरत आन पड़ी है
ठीक है भूले नादानी में लौट आये तेरी छांव में

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts