शार्कक्षेत्र का कानून's image
Poetry1 min read

शार्कक्षेत्र का कानून

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 11, 2023
Share0 Bookmarks 12 Reads0 Likes
एक सरोवर में कई ताल तलैया है 
मध्यम वर्ग से दूर अलग दुनिया है
आपके संस्कारो की जो दुनिया है
उससे अलग अमीरों की दुनिया है

पेंडोरा पेपर्स भी पिटारा लाया था
आज हिंदेनबर्ग फिर उठा लाया है 
किस ख्याल में जीते जाते हो बाबू
न तब बिगड़ा नही आज बिगडेगा

इस बाजार में मछलियां बिकती है
वे तो मगरमच्छ पकड़ कर लाते है 
वहां पर इधर का कानून बेमानी है
शार्कक्षेत्र का अलग कानून होता है 

सदियों से आंगडिया हुंडी चलती है 
उनका नेक्सस कौन तोड़ सकता है
आपके लिए कॅश लेनदेन गुनाह है 
उनका धर्म केश में लेनदेन होता है 

इस क्षेत्र में गाय को माता कहते है 
दूसरे क्षेत्र में उसको  काट जाते है
वे आपस मे गले मिले रहते है मगर
उनके वर्कर आपस मे भिड़ जाते है 

मत झाँकने का दुस्साहस कर बैठो
इस दुनिया से अलग वह दुनिया है
दूर से रुमानी कविता जैसी दिखती
करीब से तो वह आफताब जैसी है

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts