Share0 Bookmarks 30932 Reads2 Likes
खोल मुंह करिए वंदना जयकारा लगाइए
न शोर न तख्तियां हो न ज्यादा बतियाईए
संसद एक मंदिर है जहां गरिमा प्रधान है
आइए इस मंदिर में सिर झुकाकर आइए
रहो मूरत के समक्ष आंख मूंद बैठ जाइए
बोलने का मन हो मन ही मन गुनगुनाइए<
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments