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इस गंगा घाट पर जगह जगह बोर्ड लगे है
चले जरा सावधानी से फिसलन का डर है
अडवाणीजी फिसले तो बोर्ड के बाहर हए
जब अदानीजी फिसले फिसलते जा रहे है
रेलिंग पकड़कर चलना, फिसलन ज्यादा है
हाथ जिसने पकड़ रखा छोड़ भी सकता है
दुनिया का दस्तूर है दोस्त तो दोस्त होता है
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