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कुदरत के खजाने में सेहत का राज है
प्रकृति ने मानव को क्या क्या बख्सा है
प्रकृति से सौगात मिली उसे देख भी ले
वहां सेहत की तंदुरस्ती का राज छुपा है
जैसे हम सभ्य हुए प्रकृति से दूर हुए है
फलो के रस छोड़ न जाने क्या पीते है
भूल जाते है प्रकृति ने हमें क्या दिया है
कहते सभ्य हुए कृत्रिम रसायन पीते है
बैठ होटल में कोकाकोला ऑर्डर करते
गन्ने का रस नारियल पानी भूल जाते है
फल अपने आगोश में रस लिए होता है
जैसे कोई सभ्रांत मृदुल जीवन जीता है
फल रस का सेवन स्वस्थ जीवन देता है
सदमानव भी तो स्वस्थ समाज बनाता है
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