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वर्षो पहले काशी में एक राजा का राज था
तोते में उसका प्राण था रहस्यमयी राज था
सात समुद्र पार ये तोता पर फैलाये बैठा था
ये कोई जान न पाया तोता कहां बसता था
दूर देश में कोई जादूगर यह राज जान गया
जादूगर ने जाल फेंककर तोते को फंसाया
पूरा अमला तोते को बचाने में लगाया हुआ
जाल में तोता फंस गया राजा बेजान हुआ
डरा हुआ था राजा अमला था घबराया हुआ
न कोई तोते पर बोले सन्नाटा था छाया हुआ
जादूगर के चंगुल से तोता आजाद नही हुआ
साम दाम भय या भेद सारा जोर आजमाया
तोता जादूगर के जाल में जान वहां अटकी
कैसे छुटे जान बचाए ये इल्म समझ न आया
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