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फ्रॉड का राष्ट्रवाद

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 12, 2023
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उसकी विजय गाथा खुली किताब थी
कोई हिमाकत कर उसको खोल गया 
महत्वाकांक्षा सुनियोजित फ्रॉड हुआ
दबी जबान कहते वह चौड़े कहे गया

स्व विकास देश का विकास बता रहा
राष्ट्र संपदा पर उसका अधिकार हुआ
ये हेराफेरी धोखाधड़ी की दास्तान थी 
उसे गैर जरूरती आक्रमण बता गया

जनता ने जो पूछा विकास कहां हुआ
पलटकर अपना एकाउंट दिखा दिया
जांचसंस्था की आड़ में क्या छुपा था
विदेशी कोई इसे धोखाधड़ी बता गया

फ्रॉड करता देश की जड़े खोदता रहा
उसका कद बढा देश छोटा होता गया 
न्याय जब गुनाह के सबूत मांगने लगा
कसमें खाता राष्ट्रवाद सबूत में दे गया

शराफत ओढ़ वो देश पर चोट बताता
देश की अखंडता पर आघात कहता
ट्विन टावर की नींव मजबूत ही रही
कसूर यह अमेरिकी प्लेन टकरा गया

ताश के महल जब जब बनते है यहां 
धराशायी हुए उनकी नियति रही सदा
गलती कभी टाइटेनिक की नही रही
आईसबर्ग ही जब सामने आता गया

कब तक छुपोगे राष्ट्रवाद की आड़ में
अस्मत हुई खतरे में झाड़ी में मिलोगे
बेदर्दी से डूबाया किनारे न लग पाया
हिंडनबर्ग से टकराया इतिहास हुआ

नही खाया और देश विकास में लगा
देश तुम्हारा तो विदेशी से क्या डरना
कौन पूछे बेनामी साम्राज्य किसका
गुब्बारा फुट गया हिंडनबर्ग टकराया

क्या ढूंढने में जांच एजेंसी लगाओगे
कानून मंत्री कहै समय बर्बाद न करे
तीन से पांच टका शेयर है बाजार में
तब लोगो का नुकसान छोटा ही रहा

क्यो घबरा रहे आइसबर्ग क्या करेगा
क्या फिर एक टाईटेनिक तोड़ सकेगा
मानव भूल की ये बड़ी दास्तान होगी
क्या विश्व का सबसे बड़ा फ्रॉड बनेगा

राष्ट्रवाद गाता रहा पाक साफ बता रहा
उसके विकास से राष्ट्र आगे आता रहा
हर एक इस बुद्धिमत्ता का कायल था
कैसे धोखधड़ी या फ्रॉड राष्ट्रवाद हुआ

जब धर्म के धधेबाज़ों पर हाथ डाला
वो चिल्ला पड़े धर्म खतरे में आ गया
धंधे पर धोखेबाज़ी का सवाल आया
बोलने लगे राष्ट्रवाद खतरे में आ गया

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