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संविधान में आप न्याय के पैरोकार बने थे
कुरीतियां चरम पर थी आप खामोश रहे
जो नही लड़ सकी हथियार डालती गयी
संस्थाए कई समाज मे निर्वस्त्र होती रही
लोकतंत्र बचाने का आपने ठेका लिया था
आपकी चुप्पी यह किस मुकाम पर लाई
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