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नया हथियार नया शिकार

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 11, 2023
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न सिकंदर आएगा न बगदादी आएगा 
इस युग में युद्ध मे बदलाव आ जाएगा
आज वो दिल दिमाग में सेंध लगा रहा
युद्ध आपकी हथेली पर लडा जा रहा

इस परिवेश में सब कुछ बदलता गया
नही बदल पाई बस मानवीय लालसा 
जनजीवन में दखल गुलाम बनाने की 
सत्ता हथियाकर अधिकार जमाने की

युद्ध की सीमाएं आज वैश्विक हो गई
पेगासस का जासूसी कांड जिंदा था 
इसराइल तकनीक का सुत्रधार हुआ
आपकी हथेलियो में आपका शत्रु था

जाते खाते क्या कहते उसकी नजर है
आपकी निजता उसकी गुलाम हो गयी
निजी जीवन अब सार्वजनिक हो गया 
हर हरकत पर उसकी निगाह हो गयी

भावनाओ से खिलवाड़ को पेशा बनाते
जासूस आपका दिमाग हथियाता रहा
आपकी निजता को हथियार बना गए
आपके हाथों में अपना घर बसाता रहा

इस बीच एम्स का बखेड़ा उजागर हुआ
सता के भेड़िये नया हथियार ढूंढ लाये
दिमाग पर अपना कब्जा करने आ रहे
शिकार अकेले नही झुंड का करने आए

रोबोट फेक प्रोफ़ाइल बनाते हैक करते
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से सजा रहे
वे फेसबुक ट्विटर यूट्यूब में घुस जाते
प्रोफाइल से आपका व्यक्तित्व बना रहे

अपने मेसेज से इंटरनेट पर छाते जाते
अपने मन मुताबिक कंट्रोल कर जाते
आपके विचारों को हैक करते जा रहे
फेक न्यूज़ फैला चरित्र हनन कर जाते

वे झूठ नफरत की खेती करने निकलते
सोशल मीडिया में पैठ बना झूठ फैलाते
विचार अपनी इच्छा अनुरूप बहा जाते
अफवाह से दिल दिमाग में उतरते जाते

इस भूलभुलैया में जीवन नौका सा हुआ
पतवार खोई हवा का झोंका मांझी हुआ
एम्स सवार सोशल मीडिया पे हवा देता
नाव का बहाव वह चाह अनुरूप करता

कहते है जीवन वैश्विक होता जा रहा है
जीवन हथेलियो में सिमटता जा रहा है
सो कॉल्ड इंटेलेक्चुअल्स का संसार है
वह तकनीक का सबसे बडा शिकार है

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