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नया हथियार नया शिकार

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 11, 2023
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न सिकंदर आएगा न बगदादी आएगा 
इस युग में युद्ध मे बदलाव आ जाएगा
आज वो दिल दिमाग में सेंध लगा रहा
युद्ध आपकी हथेली पर लडा जा रहा

इस परिवेश में सब कुछ बदलता गया
नही बदल पाई बस मानवीय लालसा 
जनजीवन में दखल गुलाम बनाने की 
सत्ता हथियाकर अधिकार जमाने की

युद्ध की सीमाएं आज वैश्विक हो गई
पेगासस का जासूसी कांड जिंदा था 
इसराइल तकनीक का सुत्रधार हुआ
आपकी हथेलियो में आपका शत्रु था

जाते खाते क्या कहते उसकी नजर है
आपकी निजता उसकी गुलाम हो गयी
निजी जीवन अब सार्वजनिक हो गया 
हर हरकत पर उसकी निगाह हो गयी

भावनाओ से खिलवाड़ को पेशा बनाते
जासूस आपका दिमाग हथियाता रहा
आपकी निजता को हथियार बना गए
आपके हाथों में अपना घर बसाता रहा

इस बीच एम्स का बखेड़ा उजागर हुआ
सता के भेड़िये नया हथियार ढूंढ लाये

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