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नन्ही जान कितने पहरेदार

suresh kumar guptasuresh kumar gupta April 30, 2023
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अखंड ब्रह्मांड में न ओर न छोर
जिसमे बसती एक छोटी धरती
धरती के एक कोने में मैं बसता
हूं आजाद मगर बंदिशे कितनी

तरस जाता अब एक सांस को
न भरोसा आए कब रुक जाए
असंख्य जीवो में ये नन्ही जान
जिसके लगे है कितने पहरेदार

ममता लालच है दुश्मन बहुतेरे
परिवार समाज कितनी बंदिशे
जगह जगह जल रा

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