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न खाऊँगी न खाने दूंगी हल्के में कह बैठी
भावी के गर्भ में नही झाँका हल्के पचा बैठे
मामला हकीकत का जामा पहनके आया
दिन में आसमान तारों से भरा नजर आया
तीज त्यौहार रोज व्रत उपवास रहने लगा
किचन में यदा कदा ही चूल्हा जलने लगा
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